वेरीकोस वेंस क्या है एवं उसके लक्षण?
शरीर में दो प्रकार की खून की नसें होती हैं. जिनमें से एक नस दिल से शरीर के सारे अंगों ( पैरो को भी) को शुद्ध रक्त पहुंचाती है. जिसे हम आर्टरी कहते हैं. दूसरी खून की नस जो शरीर के सारे अंगो से खून वापस ले जाती है जिन्हे हम वेंस कहते है.
पैरो से ब्लड वापस दिल की तरफ ले जाने के लिए नसे दो प्रकार की होती है एक जो स्किन के पास होती है जीने हम सुपरफिशल वेंस कहते हैं और दूसरी नस जो अंदर की तरफ होती है जिन्हें हम डीप ( डीप) वेंस कहते हैं.
जब पैरों से ऊपर खून ले जाने वाली सुपरफिशल खून की नसे किसी कारण से फूल जाती है तो हम इसे वेरीकोस वेंस कहते है. सारी फूली हुई या दिखाई देने वाली नसों को वेरीकोस वेंस नहीं कहते है.
ढेर सारी नीली रंग की मकड़े की जले जैसी दिखाई देनी वाली नसों को स्पाइडर वेंस बोलते है , और जले जैसी दिखाई देनी वाली नसों को रैटिकुलर वेंस बोलते है.
इस बीमारी के लक्षण क्या है –
१) ज्यादा तर लोगो में वैरिकोज वेन्स में कोई परेशानी जैसे की दर्द नहीं होता है.
२)जिन लोगो में परेशानी होती है उन्हें पैरो में अकड़न ( क्रैम्प ) , भारीपन ज्यादा देर तक खड़े रहने में पैरो में सूजन की समस्या हो सकती है।
३) पैरो में एंकल के पास कला पन आ सकता है.
४ ) पैरों में खुजली हो सकती है.
५ ) कुछ पैरों में अलसर ( घाव) हो जाता है.
६) खून की नसों में ज्यादा प्रेशर होने पे फट भी सकती है और ब्लीडिंग भी हो सकती है.
७)ज्यादा दिनों से वेरीकोस वेंस होने से पैरो की डीप खून की नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है.
८) इन सबके बावजूद वेरीकोस वेंस जानलेवा नहीं होती है.
९) जो मरीज सेल्फ केयर नहीं करते है उनमे पैरो में इन्फेक्शन भी हो सकता है.
to be continued………………..