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‘विश्व किडनी दिवस’ कब और क्यों मनाया जाता है?

हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार के दिन ‘विश्व किडनी दिवस‘ मनाया जाता है. इसका उद्देश्य दुनिया में लगातार बढ़ रही किडनी की बीमारियों के मामले को रोकना है. इसके लिए विश्व किडनी दिवस पर कई प्रकार के जागरुकता अभियान का आगाज किया जाता है .
जिसमें से एक जागरूकता अभियान Dr. Yashpal Singh के द्वारा किया जा रहा है. उनका उद्देश्य लोगों तक किडनी की सभी प्रकार की बीमारियों के बारे में जागरूक करना है.

इंडिया में किडनी मरीजों की संख्या एक बिकराल रूप ले रही है.
एक शोध के अनुसार ७% जनसँख्या किडनी की बीमारी से ग्रसित है और कुछ प्रदेशो में यह १७+ % तक पहुंच गई है| एक दशक पहले तक हम डायलिसिस के बारे में अनभिज्ञ थे.  अब, प्रदेश के हर जिलों में डायलिसिस सेंटर उपलब्ध है|
डायबिटीज और हाइपरटेंशन दो ऐसी बीमारिया है जो ४० से ६० % तक मरीजों में इस बीमारी का कारण होती है. इस बीमारी का किडनी ट्रांसप्लांट एक अच्छा तरीका है, पर किडनी की अनुपलब्धता एवं महंगा होने के कारण बहुत से मरीज डायलिसिस कराते हैं. एक तरह से कहे, तो डायलिसिस इन मरीजों में लाइफलाइन की तरह काम करती है।

विश्व किडनी दिवस में हम अपने मरीजों को बताना चाहते हैं कि हम सहारा हॉस्पिटल लखनऊ में एक वर्ल्ड क्लास वैस्कुलर एक्सेस का सञ्चालन करते है.. यहां पर हर तरह के Complex वैस्कुलर एक्सेस की सर्जरी की जाती है. हमारा उद्देश उन मरीजों को फायदा पहुंचाना है.

हम, उत्तर प्रदेश का प्रथम जटिल वैस्कुलर एक्सेस क्लिनिक का सञ्चालन करते है.  जिसमे हम किडनी की समस्या से ग्रसित मरीज को , जिनको डायलिसिस की आवशकता होती है उनको हम सर्जरी के द्वारा एक्सेस बनाते है.

डायलिसिस के लिए वैस्कुलर एक्सेस का उपयोग

डायलिसिस के लिए उपयोग होने वाले निम्न वैस्कुलर एक्सेस का निर्माण हम करते है

 A) साधरण वैस्कुलर एक्सेस

१) R C फिस्टुला ( रेडिओसेफालिक )
२) BRACHIOCEPHALIC  ( BC ) फिस्टुला
३ ) परमकाथ ( जुगुलर और फेमोरल)

B)  जटिल

१) A V ग्राफ्ट ( फोरआर्म लूप ग्राफ्ट , आर्म ग्राफ्ट और थाई ग्राफ्ट )
२) BASCILIC VEIN  TRANSPOSITION
३) BRACHIAL VEIN TRANSPOSITIONडायलिसिस

C) अत्यंत जटिल सर्जरी

१) सेंट्रल वेन  एंजियोप्लास्टी/स्टेंटिंग
२) जुगुलर वेन से कैरोटिड आर्टरी ग्राफ्ट
३) पैर या जांघो पे A V फिस्टुला
और अन्य काम्प्लेक्स / अत्यंत जटिल।
हम अपने मरीजों को उनकी आवशकता अनुसार , खुद अल्ट्रासाउंड / ANGIOGRAM करके उचित वैस्कुलर एक्सेस की सलाह देते है. वैस्कुलर एक्सेस के बारे में एक बात और जान लेना अत्यंत जरूरी है की इसमें हम वेन और आर्टरी को जोड़ते है यह एक माइक्रो सर्जरी होती है और इसके सफल होने की संभावना 70 से 80 प्रतिशत तक ही होती है.

और पढ़ें – ( डीप वें थ्रांबोसिस क्या होता है? )

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